कविता :बारिश
बारिश
बाट निहारे, बैठी विरहन
लिये ख्वाब अधूरे रोती है !
शिकवा कर बतलाये किसको
आँखों से बारिश भी होती है !!
अंजु गुप्ता
बारिश
बाट निहारे, बैठी विरहन
लिये ख्वाब अधूरे रोती है !
शिकवा कर बतलाये किसको
आँखों से बारिश भी होती है !!
अंजु गुप्ता