कविता : मैंने लिखना छोड़ दिया
मैंने लिखना छोड़ दिया,
भला लिखे या बुरा लिखे
छुट पुट मुक्तक खूब लिखे,
मुख पोथी पर बड़े जतन से
भाव नदी में डूब लिखे ,
फिर भी कोई उन्हें न भाया,
नन्हा सा दिल तोड़ दिया
मैंने लिखना छोड़ दिया
मैंने लिखना छोड़ दिया (1)
मुक्तक में संगीत बसा,
सुंदर छोटा गीत बसा
छोटी सी प्यारी पंक्ति में
मेरे मन का मीत बसा ,
प्रीत तोड़ कर जब से प्रिय ने
बीच भँवर में छोड़ दिया,
मैंने लिखना छोड़ दिया
मैंने लिखना छोड़ दिया (2)
लता यादव