कविता
मन ही मन मत रखो सभी कुछ
खुलकर माइक पर भी बोलो
अरे देश के ठेकेदारों
जाकिर नाइक पर भी बोलो
उगल रहा है जहर हमेशा
अपनी गंदी तकरीरों से
जाल भरम का फैलाता है
अज्ञानी कुछ तस्वीरों से
बना लिए हैं फ्रेंस करोड़ों
इनकी लाइक पर भी बोलो
— मनोज श्रीवास्तव