हर राज देखते हैं
ये आईने ही चेहरे का हर दाग देखते हैं
दाग को बेदाग होते हर बार देखते हैं
रोक नहीं पाते दाग ढकने वालों को
दागो पर पालिस लगाते हर बार देखते हैं
दंग रह जाता होगा दिवार पर टगा आईना
जब एक ही तस्वीर को बार-बार देखते हैं
वो भी अपने किस्मत पर तरस खाता होगा
जब लोग पलटकर उसे हर बार देखते हैं
दिखाते हैं लोग बनावटीपन दुनियां को
आईने ही खूबसूरती का हर राज देखते हैं।
_______रमेश कुमार सिंह/२८-०२-२०१६
प्रिय रमेश भाई जी, आइने की बात को समझने-समझाने के लिए आभार.