असम है मेरा सनम
असम है मेरा असम,
प्यारा है मुझको असम,
हुआ जनम यहीं और यही करम,
असम है मेरा सनम।
है जब मुझको प्यार इससे,
तो क्यूँ असम मेरा नहीं?
जब जनम मरण की यही है भूमि,
तो क्यूँ असम मेरा नही?
सभी तो हम हिन्दीभाषी है,
जब भारत है अपना वतन।
असम है मेरा सनम।
असम की धरती माँ ने हमको,
एक अनाज खिलाया है।
है ब्रह्मपुत्र भी एक पिता,
जिसने सबकी प्यास बुझाई है।
प्रकृती ने भेद-भाव ना रखा,
होता फिर क्यूँ ये अधरम।
असम है मेरा सनम।
है विविधता में एकता यहाँ पर,
छोटा भारत कहलाता है।
बंगाल, बिहार, पंजाब, हरियाणा,
राजस्थान भी यहाँ बसता है।
होली, दिवाली, छट, बैशाखी,
बिहू, पूजा और ओनम।
असम है मेरा सनम।
हुआ जब आजादी संग्राम,
तो लहू साथ में सबने बहाया।
झाँसी से लक्षमी थी रण में,
तो कनकलता यहाँ बलिदानी।
प्रताप और लाचित दोनों का,
एक था नारा एक धरम।
असम है मेरा सनम।
बहकावे में आके किसी के,
न यूँ एकता बिखराओ।
राजनीति आतंक की समझो,
डराएं न हम आतंक फैलाकर।
साधना मासूम जनता पे निशाना,
है आतंकवादियों का धरम।
असम है मेरा सनम।
एक साथ सब मिलकर हम,
परिचय विवेक का अब देंगे।
अपने भाइयों से अब मिलकर
आतंक को हम दूर करेंगे।
उजाड़ेंगे न हम अब अपना चमन,
लाएंगे शान्ति और अमन।
असम है मेरा सनम।
सुचिसंदीप
तिनसुकिया, आसामF
बहुत सुन्दर भावनाएं !
विजय भाई साहब आपका बहुत आभार।