गीत : गौरक्षक सब गुंडे हैं
(गौ रक्षकों पर मोदी जी के आलोचनात्मक बयान पर वर्तमान में गाय की दशा और गौ रक्षा की दिशा को बताती मेरी नई कविता)
गौ रक्षा के नीति नियम सब वोटों के हथकंडे है
मोदी जी ने बोल दिया है, सब गौ रक्षक गुंडे हैं
गौ तस्कर की मार पिटाई बस केवल नौटंकी है
गौ शाला में गायें मरतीं, घटना बड़ी कलंकी है
माना कुछ गौ भक्षी घी से आग बढ़ाने वाले हैं
और काटकर गायें हमको और चिढ़ाने वाले हैं
माना मोदी के बयान से, कुछ कुनबे हरषाएँगे,
और हौसले भी कुछ गौ हत्यारों के बढ़ जाएंगे
माना गौ माता के ऊपर और मुसीबत आएगी
धर्म सनातन की यह श्रद्धा बस मजाक बन जायेगी
चलो बात माने मोदी की, गौ सेवा का जतन करें,
सच्ची गौ सेवा होती है कैसे इस पर मनन करें
गौ रक्षक जितने भी हैं, वो थानेदारी बंद करें,
घूम घूम कर सड़कों पर ये लंबरदारी बंद करें
घर घर जाकर गौ हत्यारों को दिल भरी दुआएं दो
और कसाई पकड़ा जाए तो मैडल मालाएं दो
मत कानून हाथ में लो, बस खाकी पर विश्वास करो,
औरंगजेबी सरकारों से गौ रक्षा की आस करो
अगर गाय को माता कहते हो तो फिर ये काम करो
माता को पशु बाज़ारों में खुलकर ना नीलाम करो
हिन्दू हो या पाखंडी हो, कोरी ठसक दिखाते हो
अपनी गौ माता को गन्दी पॉलीथिन खिलवाते हो
या तो गौ को माता कहना सारे हिन्दू बंद करें
या फिर बूढ़ी रोगी गौ माता का सही प्रबंध करें
मोदी जी क्या तुम भी गौ को माता नहीं मानते हो?
गौ माता के ज़ख्मों की पीड़ा को नहीं जानते हो?
पंत प्रधान तुम्हारे दिल में क्या किंचित भी रोष नहीं?
और तुम्हारे बजट ग्रन्थ में, गौ सेवा का कोष नहीं?
गौ रक्षा पर राष्ट्र नीति का आना बहुत जरूरी है
गौ शाला के लिए योजना लाना बहुत जरुरी है
बहुमत की खिचड़ी ज्यादा दिन और नहीं पच पाएगी
केवल भाषण दे लेने से गाय नहीं बच पायेगी
कवि गौरव चौहान कहे अब, हिंसा का पथ छोड़ेंगे
खुद को सच्ची गौ सेवा के व्रत से निश्चित जोड़ेंगे
लेकिन मोदी हमें बता दो, पापी घट कब फूटेंगे?
जिनके दांत लगी गौ चर्बी, वो जबड़े कब टूटेंगे?
—-कवि गौरव चौहान
आपने गीत बहुत बढ़िया लिखा है ।मोदीजी ने सभी गौरक्षकों को नहीं 70 या 80 प्रतिशत फर्जी गौरक्षकों को जिन्होंने कानून अपने हाथों में लेकर देश को शर्मशार किया है उन्हें गुंडों की उपाधि देकर अपना मत प्रकट किया है । लेकिन आपका कथन भी सही है की आखिर कब इन गौभाक्षकों को उनके किये की सजा मिलेगी यह तो मोदीजी को ही तय करना है ।
गीत अच्छा है ! हालाँकि ऐसा लगता है कि आपने मोदी जी की बात को सही रूप में नहीं समझा है.