“दोहा मुक्तक”
उड़ा तिरंगा भारती, देख रहा संसार
छद्म पराजित हो गया, बौना छुद्र विचार
काश्मीर लहरा रहा, भारत माँ की शान
अधिकृत में लहराएंगे, लालकिले की धार।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
उड़ा तिरंगा भारती, देख रहा संसार
छद्म पराजित हो गया, बौना छुद्र विचार
काश्मीर लहरा रहा, भारत माँ की शान
अधिकृत में लहराएंगे, लालकिले की धार।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी