कुण्डली/छंद

एक कुंडलिया………

अमर वीरता कुर्बानी, देश हुआ आजाद

प्रतिपल ताजी याद में, सीमा है आबाद

सीमा है आबाद, सिपाही सीना ताने

हर बेटा खुशहाल, निछावर करना जाने

कह गौतम कविराय, रुलाए आपसी समर

माँ भारती हिताय, बलिहारी सपूत अमर॥

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ