यही आगाज है यारो
बहर 1222 1222 1222 1222
नये सपने नयी राहें, कदम आगे बढ़ाने हैं।
लगायेगी गले हमको, सफलता एक दिन यारो।
जमाने को बताना है, पहल करके दिखाना है।
कभी घबरा न तू चाहे, बलाएँ लाख हो यारो।
अगर हो हौसलों में दम, तनिक बाधा न आती है।
लगाले जोर फिर दुश्मन, हजारों साथ में यारो।
करो तुम कर्म राहें हो कँटीली और पथरीली।
गुलाबों की छटा देखो हँसे काँटों मे रह यारो।
वही सपने सँवरते है, जिन्हें हम जागते देखें।
सुहानी रात के सपने, सुबह को भूलते यारो।
वतन अपना चमक जाये, मशालें वो जलालो तुम।
नहीं थमना बढ़ो आगे, करो संकल्प तुम यारो ।
खिले जो फूल से बच्चे नहीं नाजुक बनाना है।
वतन की आन की खातिर करो तैयार तुम यारो।
चले आँधी नहीं थमना, तुम्हे तूफ़ान बनना है।
बनाओ देश की ताकत यही आगाज़ है यारो।
— सुचिसंदीप, तिनसुकिया