कुण्डली/छंद

शिव स्तुति (मनहरण कवित्त)

आशुतोष वर देते, सारी पीड़ा हर लेते,
सुरासुर देव शिव, सर्वहितकारी है |
तन पे लगाएं भस्म, शिखर सजाएं चन्द्र,
बाघम्बरधारी शिव, अतिमनोहारी है |
गले फणी माल सोहे, नयन विशाल मोहे,
त्रिनेत्र त्रिलोकपति, ये त्रिशूलधारी है |
हलाहल पीकर के, शिव नीलकण्ठ बने,
महाकाल महादेव,भवबाधा हारी है |

नीतू शर्मा 'मधुजा'

नाम-नीतू शर्मा पिता-श्यामसुन्दर शर्मा जन्म दिनांक- 02-07-1992 शिक्षा-एम ए संस्कृत, बी एड. स्थान-जैतारण (पाली) राजस्थान संपर्क- [email protected]

2 thoughts on “शिव स्तुति (मनहरण कवित्त)

  • राजकुमार कांदु

    बहुत ही बढ़िया रचना !

    • नीतू शर्मा

      हार्दिक आभार आदरणीय

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