नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, करो प्रतिज्ञा आज
रियो में बेटियों की, देखिए ऐसी चली है आंधी
साक्षी ने कांस्य और पी वी सिंधु जीती है चांदी
मस्तक ऊंचा भारत का, तुझे सौ-सौ बार प्रणाम
झूम उठा बच्चा-बच्चा, मिला जब यह सम्मान
भारत का अंतिम बिंदु हो या हो काश्मीर से रांची
हर तरफ बस जय हो सिंधु, जय हो बिटिया साक्षी
कमतर कहाँ अब बिटिया है, फिर हो गया है सिद्ध
छू लेंगी आसमान एक दिन, उनकी अपनी है जिद
साक्षी ने खोला खाता था, दी थी सुन्दर सौगात
एक पदक क्या दो-दो, आया हिन्दुस्तान के हाथ
स्वर्ण नहीं जीतने का, बस हुआ थोड़ा सा गम
पर गौरव था वह क्षण, जब जीता बिटिया ने मन
भारत की बिटिया धरा पर, जब तक जिंदा है
मत कहना भारतवासी, कि हम बेहद शर्मिंदा हैं
अपनी क्षमता से वो, तकदीर बदलने वाली हैं
नाउम्मीद हो जब, तब वो उम्मीद जगाने वाली हैं
बोझ कहाँ बेटी है अब, अब तो जाग मेरे भाई
स्वच्छंद भाव से उड़ने दो, मत बनना कसाई
बिटिया है तो कल है, और है सुन्दर समाज
नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, करो प्रतिज्ञा आज।।
प्रिय मुकेश भाई जी,
”नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, की है प्रतिज्ञा आज,
हम भी गौरवशाली होंगे, उन्नत होगा समाज.”
एक सर्वश्रेष्ठ एवं अतुलनीय रचना के लिए आभार.
प्रिय मुकेश भाई जी,
”नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, की है प्रतिज्ञा आज,
हम भी गौरवशाली होंगे, उन्नत होगा समाज.”
एक सर्वश्रेष्ठ एवं अतुलनीय रचना के लिए आभार.
वाकई हमें समाज को यह सन्देश देने की आवश्यकता है और आपका प्रयास काबिले तारीफ है । धन्यवाद ।
दिल से शुक्रिया
वाकई हमें समाज को यह सन्देश देने की आवश्यकता है और आपका प्रयास काबिले तारीफ है । धन्यवाद ।