कविता

नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, करो प्रतिज्ञा आज

रियो में बेटियों की, देखिए ऐसी चली है आंधी
साक्षी ने कांस्य और पी वी सिंधु जीती है चांदी
मस्तक ऊंचा भारत का, तुझे सौ-सौ बार प्रणाम
झूम उठा बच्चा-बच्चा, मिला जब यह सम्मान

भारत का अंतिम बिंदु हो या हो काश्मीर से रांची
हर तरफ बस जय हो सिंधु, जय हो बिटिया साक्षी
कमतर कहाँ अब बिटिया है, फिर हो गया है सिद्ध
छू लेंगी आसमान एक दिन, उनकी अपनी है जिद

साक्षी ने खोला खाता था, दी थी सुन्दर सौगात
एक पदक क्या दो-दो, आया हिन्दुस्तान के हाथ
स्वर्ण नहीं जीतने का, बस हुआ थोड़ा सा गम
पर गौरव था वह क्षण, जब जीता बिटिया ने मन

भारत की बिटिया धरा पर, जब तक जिंदा है
मत कहना भारतवासी, कि हम बेहद शर्मिंदा हैं
अपनी क्षमता से वो, तकदीर बदलने वाली हैं
नाउम्मीद हो जब, तब वो उम्मीद जगाने वाली हैं

बोझ कहाँ बेटी है अब, अब तो जाग मेरे भाई
स्वच्छंद भाव से उड़ने दो, मत बनना कसाई
बिटिया है तो कल है, और है सुन्दर समाज
नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, करो प्रतिज्ञा आज।।

मुकेश कुमार सिन्हा, गया

रचनाकार- मुकेश कुमार सिन्हा पिता- स्व. रविनेश कुमार वर्मा माता- श्रीमती शशि प्रभा जन्म तिथि- 15-11-1984 शैक्षणिक योग्यता- स्नातक (जीव विज्ञान) आवास- सिन्हा शशि भवन कोयली पोखर, गया (बिहार) चालित वार्ता- 09304632536 मानव के हृदय में हमेशा कुछ अकुलाहट होती रहती है. कुछ ग्रहण करने, कुछ विसर्जित करने और कुछ में संपृक्त हो जाने की चाह हर व्यक्ति के अंत कारण में रहती है. यह मानव की नैसर्गिक प्रवृति है. कोई इससे अछूता नहीं है. फिर जो कवि हृदय है, उसकी अकुलाहट बड़ी मार्मिक होती है. भावनाएं अभिव्यक्त होने के लिए व्याकुल रहती है. व्यक्ति को चैन से रहने नहीं देती, वह बेचैन हो जाती है और यही बेचैनी उसकी कविता का उत्स है. मैं भी इन्हीं परिस्थितियों से गुजरा हूँ. जब वक़्त मिला, लिखा. इसके लिए अलग से कोई वक़्त नहीं निकला हूँ, काव्य सृजन इसी का हिस्सा है.

5 thoughts on “नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, करो प्रतिज्ञा आज

  • लीला तिवानी

    प्रिय मुकेश भाई जी,
    ”नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, की है प्रतिज्ञा आज,
    हम भी गौरवशाली होंगे, उन्नत होगा समाज.”
    एक सर्वश्रेष्ठ एवं अतुलनीय रचना के लिए आभार.

  • लीला तिवानी

    प्रिय मुकेश भाई जी,
    ”नहीं करेंगे भ्रूण हत्या, की है प्रतिज्ञा आज,
    हम भी गौरवशाली होंगे, उन्नत होगा समाज.”
    एक सर्वश्रेष्ठ एवं अतुलनीय रचना के लिए आभार.

  • राजकुमार कांदु

    वाकई हमें समाज को यह सन्देश देने की आवश्यकता है और आपका प्रयास काबिले तारीफ है । धन्यवाद ।

    • मुकेश कुमार सिन्हा, गया

      दिल से शुक्रिया

  • राजकुमार कांदु

    वाकई हमें समाज को यह सन्देश देने की आवश्यकता है और आपका प्रयास काबिले तारीफ है । धन्यवाद ।

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