राजनीति
कर झूठे-झूठे वादे, ये सत्ता हथियाते है,
चुनावों के बाद सारे, वादे भूल जाते है |
गरीबों का सारा धन, खुद ही डकार जाते,
नेताजी हमदर्दियां, झूठी ही दिखाते है |
विपक्षी नेता भिड़ते, जुबानी जंग लड़ते,
बोल ओछे बोलकर, कभी ना लजाते है |
यहाँ भ्रटाचारी नेता, बन जाते है विजेता,
ये खेल राजनीति के, समझ ना आते है |
नेताओं का सत्य उजागर करती अप्रतिम रचना ।