करारी कुंडलियाँ
खाली दोनों हाथ हैं ना गुटली ना आम
सिद्धू पाजी को मिला वाजिब एक इनाम
वाजिब एक इनाम आप का दामन थामा
हालत ऐसी हुई लगा खिसका पाजामा
दोनों दल यह कह रहे नहीं तुम्हारा काम
हुई कहावत सार्थक माया मिली न राम
— मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ
मॉर्निंग वाकर मित्रों के नाम
ले देके यह सत्य है इस दुनिया का हाल
सभी चाहते हैं मिले उन्हें मुफ्त का माल
उन्हें मुफ्त का माल सयाने यह फरमाते
कहीं किसी से मिले हमेशा प्रश्न उठाते
अगर आपके घर आए क्या खिलावाओगे
और हमारे घर आए तो क्या लाओगे
— मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ