~~हर दिल में हो देश के प्रति प्यार भरा ~~
देश की तरफ आँख उठा कर देखे दुश्मन जो कोई ,
जा पड़े आँख में हम शोला बन उसकी शामत आई।
भरा है प्यार का दहकता अंगार दिल में हमारे ,
स्वदेश के प्रति सम्मान भरा अधिकार दिल में हमारे |
देश के लिए मर मिटने का जूनून था कभी दिल में हमारे ,
आज स्वप्रेम के मोह में देशप्रेम हो गया है एक किनारे |
पर आज देश की देख यह हालत गर्व के बजाय अफ़सोस है ,
जिसके लिए मर मिटे हम भूलकर हमें ही वह मदहोश है |
जिस देश के लिए हँसते हँसते खाई हमने अपने सीने पर गोलियां,
उसी मेरे प्यारे देश को बेच रही हैं यहाँ अराजक तत्वों की टोलियां|
खोखला कर स्वदेश को अपना ही घर माल से भर रहें हैं ये नेता
क्यों देश-भक्ति के बजाय भर गयी हैं इनमें इतनी अधिक लोलुपता |
चूमकर झूल गए थे फांसी के फंदे पर कुछ भी न निकली बोलियाँ,
उदास बहुत ये मन बढ़ता हुआ देख देश में गरीबों की खोलियां|
प्यार के बजाय दिल में धधक रही है अब ज्वाला समझो
कहीं ऐसा ना हो कि कब्र से उठकर जला दे हम तुमको | सविता मिश्रा