भजन/भावगीत

मैय्या तेरे भवन निराले

मैय्या तेरे भवन निराले जयकारे-ही-जयकारे
यहां आते हैं दिलवाले जयकारे-ही-जयकारे

1.कौल कंदौली जय-जयकारे
माई देवा जय-जयकारे
बाणगंगा के धारे जयकारे-ही-जयकारे

2.चरणपादुका जय-जयकारे
आदिकुंवारी जय-जयकारे
मिल जाएंगे किनारे जयकारे-ही-जयकारे

3.हाथी मत्था जय-जयकारे
सांझी छत पर जय-जयकारे
चम-चम चमकें तारे जय-जयकारे जयकारे-ही-जयकारे

4.मां का भवन है जय-जयकारे
पिंडी-दर्शन जय-जयकारे
दर्शन प्यारे-प्यारे जयकारे-ही-जयकारे

5.शेरांवाली जय-जयकारे
मेहरांवाली जय-जयकारे
काम बनाएगी सारे जयकारे-ही-जयकारे

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

6 thoughts on “मैय्या तेरे भवन निराले

  • राजकुमार कांदु

    श्रद्धेय बहनजी । “दर्शन प्यारे प्यारे जयकारे ही जयकारे ” बहुत ही बढ़िया भावपूर्ण भजन के लिए आपको ह्रदय से बधाई ।

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकुमार भाई जी, माताजी खुद ही भजन को भावमय कर देती हैं. सटीक एवं सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

    • लीला तिवानी

      प्रिय राजकुमार भाई जी, माताजी खुद ही भजन को भावमय कर देती हैं. सटीक एवं सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , भजन बहुत सुंदर है .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, एक सटीक एवं सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, एक सटीक एवं सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.

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