“मुक्तक”
प्रदत शीर्षक- अमृत/सुधा/पियूष/अमीय/सोम/मधु/सुरभोग समानार्थी, दोहा मुक्तक
चाहत अमृत धार मधु, देव दनुज सुरभोग
प्याला विष पियूष जस, नीलकंठ संयोग
त्राहि त्राहि छकि पी गए, सत्य अमीय महेश
गरल सुधा मीठे बचन, शीतल करि आवेग॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी