गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल – कब तक खिंजां का साथ निभाया करेंगे आप

चिलमन तमाम वक्त हटाया करेंगे आप ।
तश्वीर महफ़िलों में दिखाया करेंगे आप ।।

चुप चाप आसुओं को छुपाया करेंगे आप ।
कुछ बात मशबरे में बताया करेंगे आप।।

मुझको मेरे नसीब पे यूं छोड़िये जनाब ।
कब तक खिंजां का साथ निभाया करेंगे आप।।

तहज़ीब मिट चुकी है जमाने के आस पास ।
बुझते मसाल को न जलाया करेंगे आप।।

यह बात सच लगी कि मुकद्दर नही है साथ ।
मेरे ज़ख़म पे ईद मनाया करेंगे आप ।।

आजाद आसमा के परिंदे हैं बदजुबान ।
अपना वजूद सिर्फ मिटाया करेंगे आप ।।

जब भी ग़ज़ल हुई है कोई इश्क था मुहाल ।
अशआर सब हवा में उड़ाया करेंगे आप ।।

कुछ हसरतों के नाम लिखे खत थे जो हुजूर ।
पढ़ पढ़ के बिस्तरों में दबाया करेंगे आप।।

नवीन मणि त्रिपाठी

*नवीन मणि त्रिपाठी

नवीन मणि त्रिपाठी जी वन / 28 अर्मापुर इस्टेट कानपुर पिन 208009 दूरभाष 9839626686 8858111788 फेस बुक [email protected]

2 thoughts on “ग़ज़ल – कब तक खिंजां का साथ निभाया करेंगे आप

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह वाह !

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह वाह !

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