दीदार
दीदार की तमन्ना लिए वो थे चले
कहीं ख्वाहिशें कहीं अरमान थे जले
दिल की बात दिल में दबाकर रह गये
अधर रहे खामोश अशक पलकों तले।
कामनी गुप्ता ***
दीदार की तमन्ना लिए वो थे चले
कहीं ख्वाहिशें कहीं अरमान थे जले
दिल की बात दिल में दबाकर रह गये
अधर रहे खामोश अशक पलकों तले।
कामनी गुप्ता ***