मुक्तक/दोहा

दीदार

दीदार की तमन्ना लिए वो थे चले
कहीं ख्वाहिशें कहीं अरमान थे जले
दिल की बात दिल में दबाकर रह गये
अधर रहे खामोश अशक पलकों तले।
कामनी गुप्ता ***

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |