कविता

“कुंडलिया”

14316939_606617536185207_148913925454622368_n

अनंत चतुर्थी पावनी, गणपति गिरिजा नेह

विघ्न विनाशक को नमन, शिव सुत सत्य स्नेह

शिव सुत सत्य स्नेह, गजानन आभा मंडित

वेदों के रखवार, ज्ञान गुरुता के पंडित

कह गौतम चितलाय, करि पूजन चाँद तुरंत

रिद्धि सिद्धि हरषाय, विनायक महिमा अनंत॥

महातम मिश्रा, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ