कविता

 दोहा मुक्तक

प्रदत शीर्षक- जीभ – रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान।

रसना मीठी रसमयी, वाणी बचन जबान
रसिका हिंदी माँ मयी, जिह्वा कंठ महान
जस लिक्खे तस गाइयाँ, भाषा यह अनमोल
देवनागरी लिपि सरल, वाचा मधुर सुजान।।

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ