गीत/नवगीत

गीत -“अंग्रेजी की शान”

गीत -“अंग्रेजी की शान”
अपनी हिन्दी भूल गए हम, अंग्रेजी की शान में|
हैलो,हाय,और बाय कर रहे, लोगों से सम्मान में | |

१-शिष्टाचार,सभ्यता, भूले भूल गए हम मर्यादा,
अब न बच्चे कहना मानें, हो गए समझदार ज्यादा |
भूल गए रिश्तों की अहमियत ,दौलत के अभिमान में,
अपनी हिन्दी भूल गए हम, अंग्रेजी की शान में||

२-भूल गए प्रणाम ,नमस्ते ,करना अपने माँ-बाप से ,
.हैलो डेड ,और डियर मोम ,बच्चे कहते माँ -बाप से |
खुले जिस्म का फैशन फैला ,देखो इस जहान में ,
अपनी हिन्दी भूल गए हम, अंग्रेजी की शान में||

३-फ़ैल रही है नफरत देखो ,सोच हुई है अब छोटी ,
शर्मसार है हर रिश्ता जब ,नीयत हो गई है खोटी |
महफूज नहीं है बहन-बेटियाँ, अपने घर मकान में ,
अपनी हिन्दी भूल गए हम, अंग्रेजी की शान में||

४-इंटरनेट ,मोबाइल ,टी.वी.अब हर घर की शान है ,
वियर और विस्की के प्यालों से ,अब होता सम्मान है |
“हिन्द”की हिन्दी मत भूलो तुम ,अपने हिंदुस्तान में ,
अपनी हिन्दी भूल गए हम, अंग्रेजी की शान में||

रचनाकार –
बी.के.गुप्ता”हिन्द”
मोब-9755933943

बी.के. गुप्ता 'हिन्द'

कवि नाम- बी.के. गुप्ता ‘हिन्द’ पूरा नाम-बृज किशोर गुप्ता पिता का नाम-श्री लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता माता का नाम-श्रीमती ऊषा गुप्ता जन्मतिथि-1जुलाई सन्1982 व्यवसाय-कम्प्यूटर शिक्षक लेखन विधा-कविता,गजल,गीत,मुक्तक,निबंध। वर्तमान पता-कैपीटल कम्प्यूटर आई.टी.एण्ड साइन्स बड़ामलहरा ,जिला-छतरपुर म.प्र. पिन-471311 स्थाई पता-ग्राम़$पोस्ट-चन्दौरा तहसील-अजयगढ ,जिला-पन्ना(म.प्र.) पिन-488220 मोब.-9755933943 web- http://kavibkgupta.blogspot.in ई-मेल- [email protected] प्रकाशित रचनाएँ www.rachanakar.org एवं www.kavyasagar.com पर व मासिक- पत्रिकाओं पर होती रहती हैं। 51 शायरो के साझा काव्य संकलन ’’गुलदस्त ए गजल’’ मे मेरी भी गजलें शामिल सम्मान- www.kavyasagar.com द्वारा आयोजित ‘‘प्रतियोगिता कविता‘‘ ‘‘बेटी‘‘ मे उत्कृष्ट रचना प्रमाण-पत्र 26-11-2015 को आॅनलाइन जारी।