‘आईना-दर-आइना’ गजल संग्रह का विमोचन
जन संस्कृति मंच की तरफ से दिनांक 15-9-2016 को लखनऊ के जयशंकर प्रसाद सभागार में कवि व गजलकार डॉ डी एम मिश्र की गजलो की किताब “आईना-दर-आईना” का विमोचन व परिसंवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार श्री संजीव ने की । इस मौके पर प्रख्यात कथाकार शिवमूर्ति, कमलनयन पाण्डेय, सुभाष राय, कौशल किशोर, डॉ हरि ओम, ओमप्रकाश नदीम जी ने किताब की गजलों के बारें में अपनी राय पेश की ।
सुप्रसिद्ध गजल गायिका मालविका हरिओम जी ने अपनी मखमली आवाज में दो गजले —
मोहब्बत टूटकर करता हूॅ पर अंधा नहीं बनता
खुदा से भी मै अपने प्यार एक तरफा नहीं करता ।
और
कभी लौ का इधर जाना, कभी लौ का उधर जाना
दिये का खेल है तूफान से अक्सर गुजर जाना ।
गाकर चार चॉद लगा दिया
घंटों चले इस शानदार आयोजन में सैकडों गजल प्रेमी इस के साक्षी बने और देर तक शाम तक लुत्फ उठाते रहे ।उनमें डॉ गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, डॉ सुधाकर अदीब, विमला किशेार, र्निमला सिहं र्निमल, ऐ के गुप्त, ओमप्रकाश मिश्र जौनपुर, नरेन्द्र पांडेय, विजय पुष्पम, प्रज्ञा पांडेय, नसीम साकेती, सुशील सीतापुरी, एस के गौतम, एस के पंजम, आर आर गौतम, रामजी यादव, कॅुवर कुसुमेश, बंधु कुशावर्ती, मुजुल मंजर लखनवी, अशोक अवस्थी, अदब लखनवी, हरि फैजाबादी, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, संध्या सिंह, कल्पना पाडेय, दीपा, महावीर प्रसाद, आर के सिंह, संदीप कुमार सिंह, डॉअलका पाडेय, दयानंद पाडेय, श्रीराम शुक्ल, दिव्या शुक्ला, ममता सिंह, तरूण निशांत, आर एल श्रीवास्तव, अनिल श्राीवास्तव, ज्ञानप्रकाश चौबे, परूषेात्तम सिंह, मेरे बालसखा व अनन्य साहित्यप्रेमी श्री बी पी शुक्ल जैसे नामचीन लोग भी पधारे । मीडिया और बडे -ब्डे ने जमकर खबरे प्रकाशित कीं ।
कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध साहित्यकार कौशल किशेार जी ने किया ।