ग़ज़ल : जाते जाते जाएगी हमारी जान
कि जाते जाते जायेगी, यहाँ से जान सुन लो तुम |
न कोई काम आएगी, वहां पहचान सुन लो तुम ||
न पालो ऐसी ख्वाहिश को, न दिल में तुम जगह देना |
कभी पुरे नहीं होते, यहाँ अरमान सुन लो तुम ||
मुहब्बत में तेरी हमने भुलाया खुद की हस्ती को |
बने मेरी मुहब्बत से सदा अनजान सुन लो तुम ||
हुए रिश्ते यहाँ हलके, हवाएं ले उडी बातें |
करो न शोर दीवारों के, होते कान सुन लो तुम ||
न जाओ छोड़कर हमको सितारों से भरी शब् में |
तेरे जाने से जाती है हमारी जान सुन लो तुम ||
कोई मुझको सराहे क्यों, किया क्या काम है ऐसा |
नहीं अब तक कोई भी है, मेरी पहचान सुन लो तुम ||
जलाकर दिल की बस्ती को वो पूछें हाल है मेरा
सरिता दिल में रखती है दबा तूफान सुन लो तुम ||