मनुर्भव
दूसरे से अपने लिए चाहो जो न व्यवहार, दूसरे के साथ वैसा करना न चाहिए ।
दे के दान दीन दुखिया दरिद्र दलितों को, नहीं अपने से निर्बल को सताइये ॥
मानवीय गुण नहीं तो मानव है क्या जितेन्द्र, इंसान हो तो इंसानियत दिखाइए ।
हिन्दू मुस्लिम सिख, बौद्ध जैन नहीं , वेद कहता है आप बस मनुष्य बन जाईये ॥