कुण्डली/छंद

मनुर्भव

दूसरे से अपने लिए चाहो जो न व्यवहार, दूसरे के साथ वैसा करना न चाहिए ।

दे के दान दीन दुखिया दरिद्र दलितों को, नहीं अपने से निर्बल को सताइये ॥

मानवीय गुण नहीं तो मानव है क्या जितेन्द्र, इंसान हो तो इंसानियत दिखाइए ।

हिन्दू मुस्लिम सिख,  बौद्ध जैन नहीं , वेद  कहता है आप बस मनुष्य बन जाईये ॥

जितेन्द्र तायल

उम्र - ४२ वर्ष शिक्षा - हिंदी में एम. ए. , YMCA इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग से पोस्ट डिप्लोमा इंजीनियरिंग , MBA - आई टी, प्रयाग संगीत समिति इलाहबाद से संगीत प्रभाकर I व्यवसाय से इंजीनियर हूँ किंतु बचपन से हिन्दी व संस्कृत से लगाव रहा है ! इसी कारण मैने हिन्दी से स्नातकोत्तर भी किया ! कभी कभी कुछ लिखने का प्रयास करता हूँ, कृपया आशीर्वाद प्रदान करें ! मो. +91 9818003947