बस तेरे नाम से… (मुक्तक)
- मुक्तक . . .
दिल धडकने लगा जब तेरे नाम से ,
मैँने सोचा नहीँ कैसी सूरत तेरी ।
मन मचलने लगा चाहने को तुझे ,
प्रेम की बेल भी हो चली थी हरी ।।
तुझको पहचान लूँ , थोडा सा जान लूँ ,
मैँने सोचा कि अब कौन इसमेँ पडे ।
बस तेरे नाम से , नाम अपना मिला ,
मैँने जोडी बना ली हैँ तेरी मेरी ।।
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. . . . . . . राम दीक्षित ‘आभास‘