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केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड में हिंदी कार्यशाला का आयोजन

केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड मुख्यालय, फरीदाबाद में दिनांक:30.09.2016 को एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सदस्य ( जल गुणवत्ता ) श्री जी सी पति ने कहा कि हिन्दी हमारी राजभाषा है । हिन्दीू में काम करना हम सबका दायित्व है । अत: अपने दैनिक कामकाज में हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए । इसके उपरांत डॉ. बी. के. सिंह, उपनिदेशक (रा.भा.) ने अधिनियम, नियम, शब्द निर्माण की प्रक्रिया, हिंदी टिप्पणी – मसौदा लेखन आदि की विस्तृत चर्चा की । उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिन्दी का बहुआयामी विकास-विस्ताार हो रहा है । अपनी सरलता और ग्रहणशीलता के बल पर हिन्दी अपना परचम लहरा रही है । हिन्दी का भविष्य अत्यंत उज्जवल है । कार्यशाला के द्वितीय सत्र का संचालन श्री राकेश गुप्ता, सहायक निदेशक (रा.भा.) ने किया । उन्होंने भारत सरकार की राजभाषा नीति, नियम, अधिनियम आदि पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने टिप्पणी लेखन की चर्चा करते हुए आदर्श टिप्पणी के कुछ नमूने प्रस्तुत किए । श्री गुप्ता ने प्रतिभागियों से अभ्यास भी कराया । कार्यशाला में मुख्या‍लय के विभिन्नि अनुभागों के 25 अधिकरियों – कर्मचारियों ने भाग लिया । हिंदी कार्यशाला के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कर्नल राजेश कुमार गौड़, निदेशक (प्रशासन ) उपस्थित थे I उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए हिंदी के महत्व को रेखांकित किया I

*वीरेन्द्र परमार

जन्म स्थान:- ग्राम+पोस्ट-जयमल डुमरी, जिला:- मुजफ्फरपुर(बिहार) -843107, जन्मतिथि:-10 मार्च 1962, शिक्षा:- एम.ए. (हिंदी),बी.एड.,नेट(यूजीसी),पीएच.डी., पूर्वोत्तर भारत के सामाजिक,सांस्कृतिक, भाषिक,साहित्यिक पक्षों,राजभाषा,राष्ट्रभाषा,लोकसाहित्य आदि विषयों पर गंभीर लेखन, प्रकाशित पुस्तकें :1.अरुणाचल का लोकजीवन 2.अरुणाचल के आदिवासी और उनका लोकसाहित्य 3.हिंदी सेवी संस्था कोश 4.राजभाषा विमर्श 5.कथाकार आचार्य शिवपूजन सहाय 6.हिंदी : राजभाषा, जनभाषा,विश्वभाषा 7.पूर्वोत्तर भारत : अतुल्य भारत 8.असम : लोकजीवन और संस्कृति 9.मेघालय : लोकजीवन और संस्कृति 10.त्रिपुरा : लोकजीवन और संस्कृति 11.नागालैंड : लोकजीवन और संस्कृति 12.पूर्वोत्तर भारत की नागा और कुकी–चीन जनजातियाँ 13.उत्तर–पूर्वी भारत के आदिवासी 14.पूर्वोत्तर भारत के पर्व–त्योहार 15.पूर्वोत्तर भारत के सांस्कृतिक आयाम 16.यतो अधर्मः ततो जयः (व्यंग्य संग्रह) 17.मणिपुर : भारत का मणिमुकुट 18.उत्तर-पूर्वी भारत का लोक साहित्य 19.अरुणाचल प्रदेश : लोकजीवन और संस्कृति 20.असम : आदिवासी और लोक साहित्य 21.मिजोरम : आदिवासी और लोक साहित्य 22.पूर्वोत्तर भारत : धर्म और संस्कृति 23.पूर्वोत्तर भारत कोश (तीन खंड) 24.आदिवासी संस्कृति 25.समय होत बलवान (डायरी) 26.समय समर्थ गुरु (डायरी) 27.सिक्किम : लोकजीवन और संस्कृति 28.फूलों का देश नीदरलैंड (यात्रा संस्मरण) I मोबाइल-9868200085, ईमेल:- [email protected]