गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका : फिर वही नापाक हरकत

फिर वही नापाक हरकत फिर मिटी इंसानियत
नाम पर आखिर धरम के कब तलक ये वहशियत
किस धरम ने दी इजाजत कत्ल करने की कहो
कब खुदा ने ये कहा की तुम करो शैतानियत
आदमी वो हो नही सकते दरिन्दे है वो सब
नाम लेकर जो खुदा का कर रहे हैवानियत
आँख मे आँसू सभी की दिल जिगर में आग है
पूछता है हर कोई कब तक सहें नापाकियत
जागते तुम क्यूँ नही सब कौन सी गफलत में हो
क्यूँ समझते तुम नही जेहाद की ये असलियत
कुछ अगर गहरत बची है शेष तो फिर सोचिये
देश के सम्मान की कितनी बची है अहमियत
हो रहा तब्दील देखो कब्र में संसार ये
रहनुमाओं क्या यही देगी हमें जम्हूरियत
सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.