बाल कविता

चलो बुहारें अपने मन को

चलो, बुहारें  अपने मन को,

और सँवारें निज जीवन को।

 

चलो स्वच्छता  को अपना लें,

मन को निर्मल स्वच्छ बनालें।

 

देखो,  कितना गन्दा  मन है,

कितना कचरा और घुटन है।

 

मन  कचरे से  अटा  पड़ा है,

बदबू  वाला  और  सड़ा  है।

 

घृणा  द्वेष  अम्बार  यहाँ है,

कचरा  फैला  यहाँ  वहाँ है।

 

मन की सारी  गलियाँ देखो,

गंध  मारती  नलियाँ  देखो।

 

घायल  मन  की  आहें देखो,

कुछ  बनने  की  चाहें  देखो।

 

राग  द्वेष  के  बीहड़  जंगल,

जातिवाद के अनगिन दंगल।

 

फन  फैलाए  काले  विषधर,

सृष्टि निगल जाने  को तत्पर।

 

मेरे   मन   में,  तेरे  मन  में,

सारे जग  के हर इक मन में।

 

शब्द-वाण से आहत  मन में,

कहीं बिलखते बेवश मन में।

 

ढाई  आखर   को  भरना  है,

काम कठिन है, पर करना है।

…आनन्द विश्वास

आनन्द विश्वास

जन्म की तारीख- 01/07/1949 जन्म एवं शिक्षा- शिकोहाबाद (उत्तर प्रदेश) अध्यापन- अहमदाबाद (गुजरात) और अब- स्वतंत्र लेखन (नई दिल्ली) भाषाज्ञान- हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती। प्रकाशित कृतियाँ- 1. *देवम* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 2. *मिटने वाली रात नहीं* (कविता संकलन) (वर्ष-2012) डायमंड बुक्स दिल्ली। 3. *पर-कटी पाखी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2014) डायमंड बुक्स दिल्ली। 4. *बहादुर बेटी* (बाल-उपन्यास) (वर्ष-2015) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-उपन्यास पठनीय। 5. *मेरे पापा सबसे अच्छे* (बाल-कविताएँ) (वर्ष-2016) उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ। PRATILIPI.COM पर सम्पूर्ण बाल-कविताएँ पठनीय। प्रबंधन- फेसबुक पर बाल साहित्य के बृहत् समूह *बाल-जगत* एवं *बाल-साहित्य* समूह का संचालन। ब्लागस्- 1. anandvishvas.blogspot.com 2. anandvishwas.blogspot.com संपर्क का पता : सी/85 ईस्ट एण्ड एपार्टमेन्ट्स, न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के पास, मयूर विहार फेज़-1 नई दिल्ली-110096 मोबाइल नम्बर- 9898529244, 7042859040 ई-मेलः [email protected]