कविता

“हाइकू”

नव रजनी

नव रूप धारिणी

जै नव चंडी॥-1

 

भक्त अर्चना

कुशलम साधना

जै जगदंबा॥-2

 

पाठ आरती

महिमा सुभारती

जै नव दुर्गा॥-3

 

क्षमा दायिनी

शुभदा कात्यायनी

जै कृपालिनी॥-4

 

जग तारिणी

महिषासुर हंती

विंध्यवाशिनी॥-5

 

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ