क्षणिका : अक्ल है ही नहीं
तोते को
पढ़ाओ तुम कितना भी
सिर्फ
नकल ही तुम्हारी करेगा ।
क्योंकि
अक्ल की बातें दोनों गुप्त रखते हैं
— अनिल कुमार सोनी, पाटन
तोते को
पढ़ाओ तुम कितना भी
सिर्फ
नकल ही तुम्हारी करेगा ।
क्योंकि
अक्ल की बातें दोनों गुप्त रखते हैं
— अनिल कुमार सोनी, पाटन