कविता

पिता

पिता 
 पिता का दाहसंस्कार कर
 घर के सामने खड़े होकर
अपने पिता को पुकारने की प्रथा
जो दाहसंस्कार में सम्मिलित होकर
बोल रहे थे कि  राम नाम सत्य है
उन्हें हाथ जोड़कर विदा करने की विनती
भर जाती आँखों में पानी
वो पानी बढ  जाता
गला रुँध जाता  ,तब
जब तस्वीर पर चढ़ी हो  माला
और सामने जल रहा हो दीपक
बचपन की स्मृतियाँ
संग पिता आ जाती है मस्तिष्क पटल पर
जो काम पिता कर लेते थे
वो लोगो से पूछकर करना पड़ता
होंसला अफजाई
और परीक्षा में पास होने पर
पीठ थपथपाई भी गुम सी गई
अब में पास हुआ किंतु
शाबासी की पीठ सूनी सी है
और त्यौहार भी मुँह मोड़ चुके
और रौशनी रास्ता भूल गई
पकवान और नए कपडे कैद हो गए पेटियों में
इंतजार है श्राद पक्ष का
पिता आएंगे पूर्वजो के संग
धरती पर अपने लोगो से मिलने
जब श्राद  में पूजन तर्पण
और उन्हें याद करेंगे जब हम
क्योंकि पिता जो थे वृक्ष की तरह
पक्षियों का तो वे आसरा
हमारे भी  सहारा थे
मगर आज हम है बेसहारा
संजय वर्मा “दृष्टी “
१२५ शहीद भगत सिंग मार्ग
मनावर जिला धार (म प्र )

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच