लघुकथा

सच

विशाल जनसभा को संबोधित करते समय नेता जी ने सफाई पर पूरा जोर दिया,जनसैलाब को गंदगी न करने की शपथ भी दिलाई,मंच पर नेता जी की पत्नी और बेटा भी ऐसे सुंदर लिखित भाषण का मजा ले रहे थे। बेटा बहुत बड़े स्कूल में पढ़ता है तो चाल-ढाल में ही रईसपना दिख रहा था।

बीच में ही फुंकार उठा “माँ चाॅकलेट चाहिए केडबरी वाली” माँ ने तभी एक गार्ड को इशारे में ही समझा दिया कि जल्दी चाॅकलेट लेकर आओ।
काफी देर बाद गार्ड चाॅकलेट लेकर आया,जनसभा खत्म हो चुकी थी,लोग वो सुना हुआ वही छोड़कर जा रहे थे जब मैंनें लोगों के उठने के बाद गंदगी का आलम देखा और साथ में ही कागज़ उड़ रहा था जिस पर शपथपत्र था और नेता जी का भाषण” कभी गंदगी ना करने का”
मंच खाली था,मगर भाषण फूटे गुब्बारे की तरह वहीं घूम रहा था।
इधर नेता जी गाड़ी में मैडम के साथ टिकट बंटवारे की बात कर रहे थे कि इस बार टिकट साले साहब को मिले,बेटे की चोकलेट खत्म होने को थी। नेता जी और मैडम दोनों तनाव में थे क्योंकि बाकि मंत्री लोगों की रजामंदी नहीं थी शायद इसलिए!!!
बेटे की चोकलेट खत्म हो गई तो उसने माँ की तरफ देखा ,तभी नेताजी ने कहा” अरे !! बाहर फैंक दो ना” हर वक्त खाता रहता है।

सच्चाई कार की खिड़की से बाहर फैंक दी गई। कार के सामने बैनर था “स्वच्छ भारत”

परवीन माटी

प्रवीण माटी

नाम -प्रवीण माटी गाँव- नौरंगाबाद डाकघर-बामला,भिवानी 127021 हरियाणा मकान नं-100 9873845733