मुकदमा
अदालत की दहलीज पर एक मुकदमा मेरा भी क्या कर पाएगा रिश्ते नातों का फैसला कागज की लकीरों पर मैंने
Read Moreकच्ची कली को राहगीर ने कैसे तोड़ा होगा तुम क्या जानो मैंने अपना गांव कैसे छोड़ा होगा उस नीम शीशम
Read Moreकुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिन्हें आप बदल भी नहीं सकते बहाव के साथ ही जाना होता है आप फिर
Read Moreइस शाम से मैं कुछ बातें करने के बाद अब अलग रहना चाहता हूं बस यही कहना चाहता हूं कि
Read Moreकुछ तो है! फलक पर चांद नहीं है हवाओं में कोई शोर नहीं कैसे उड़ा आखिर में वो बंधी उससे
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