कविता : पाक को करारा जबाब
ऐ वीर जवानों उठ जाओ
भारत माँ ने ललकारा है.
अब बहुत हो चुका कतले – आम
अब सबने ललकारा है
कितने निर्दोष आतंकबाद के भेंट चढ़े
माँ के लाल सो गए गोद में
कब तक सूनी होगी बहनो की आँखे
अब बदला लेने की बारी है
अब न करो शांति की बात
वो भाषा आती नहीं पाक को
न करो रहम उन पर
जिन्होंने माता की गोद को असमय उजाड़ा है
अब समय आ गया उनको
उनकी आकौत दिखाने का
— गरिमा