कविता

थोड़ी खुशीयां उधार दे दे तू

थोड़ी खुशीयां उधार दे दे तू

मुझे थोड़ी खुशीयां उधार दे दे तू
जो तेरे जग को मैं प्यार से भर दूं ।
हर चेहरे पे मुस्कान सजाके
सभी के दिलों से नफरत मिटा दूं ।।

किसी मां के आंसू ना आंखों में सूख जाए
कोई बाप बुढ़ापे में ना अकेला रह जाए ।
कहीं बेटी कोई घूंटघूंट के ना मर जाए
खुशीयों के बिन कोई अधुरा ना रह जाए ।।

यहां खुशीयों से भरा सभी का मन हो
फिर दुनीया में हर ओर बस प्यार-अमन हो ।
खुशीयां बरसे ऐसे हर जीवन में
की अब खुशीयों में मुस्काते ही मरण हो ।।

मुझे थोड़ी खुशीयां उधार दे दे तू
जो हर आंखों का सपना सच कर दूं ।
मैं खुशीयों की वर्षा कर के
सभी के जीवन में जरा सा रंग भर दूं ।।

निराश न हो कोई तेरे जहां में
हर धड़कन में जीने की आश जगा दूं ।
जो थोड़ी खुशीयां मुझे उधार दे दे तू
इस धरा को मैं स्वर्ग बना दूं ।।

मुकेश सिंह
सिलापथार (असम)
मो०-9706838045

मुकेश सिंह

परिचय: अपनी पसंद को लेखनी बनाने वाले मुकेश सिंह असम के सिलापथार में बसे हुए हैंl आपका जन्म १९८८ में हुआ हैl शिक्षा स्नातक(राजनीति विज्ञान) है और अब तक विभिन्न राष्ट्रीय-प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में अस्सी से अधिक कविताएं व अनेक लेख प्रकाशित हुए हैंl तीन ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। आप अलग-अलग मुद्दों पर कलम चलाते रहते हैंl