कविता

तुम जो आंसू बहाओगी

तुम जो आंसू बहाओगी

मेरा मन कचोटता रह जाएगा
मां तुम जो आंसू बहाओगी ।
वह खुदा भी मुझसे रुठेगा
मां तुम जो ना मुस्कुराओगी ।

खुदा खुद तेरी भक्ति करता है
वह तेरी चरणों को सजदा करता है ।
तेरे बिन न पूरा कर सकता वो संसार
मां,कब तक यह बात सबसे छूपाओगी ।

उस रब से प्यारी है तू मां
खुद रब को प्यारी है तू मां ।
सुन,जीवन होगा नरक मेरा, मां
जो तुम आदर ना पाओगी ।

मेरे लिए सही है तुने कितनी पीड़ा
सदा उठाई है तुमने मेरे कल की बीड़ा ।
खुद जगी हो रात-रात भर तुम मुझे सुलाने को
धिक्कार मुझे! जो अब आराम से तुम सो न पाओगी ।

मेरा धरती तू मेरा अम्बर तू
मेरा भगवान मेरा पैगम्बर तू ।
मां,करुं मैं उम्रभर तेरी सेवा
जो तुम मुझे चरणों से लगाओगी ।

मुकेश सिंह
सिलापथार (असम)
मो०-9706838045

मुकेश सिंह

परिचय: अपनी पसंद को लेखनी बनाने वाले मुकेश सिंह असम के सिलापथार में बसे हुए हैंl आपका जन्म १९८८ में हुआ हैl शिक्षा स्नातक(राजनीति विज्ञान) है और अब तक विभिन्न राष्ट्रीय-प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में अस्सी से अधिक कविताएं व अनेक लेख प्रकाशित हुए हैंl तीन ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। आप अलग-अलग मुद्दों पर कलम चलाते रहते हैंl