यहाँ शिक्षा की यही आधारशिला है!
न कोई शिकवा है न कोई गीला है
मन ही मन में सब कोई ढीला है।
बिहार की शिक्षा बन गई सर्कस,
देखने वालों की लगी यहाँ टीला है।
यहाँ शिक्षा की यही आधारशिला है ॥१॥
सुधार की कोई नौबत दिख नहीं रही।
दे रही सरकार हरदम अपनी बयां।
नहीं है हमारे पास देने को वेतन।
उपर से खजाने में कुछ नहीं मिला है,
यहाँ शिक्षा की यही आधारशिला है॥२॥
प्रमाणपत्र दिखाओ का नारा लगाई ।
नियम ताख पर रख बहाली निकाली।
शिक्षा मित्र से नियोजित बनाकर,
सबको पेट चलाने का दिया सिला है।
यहाँ शिक्षा की यही आधारशिला है ॥३॥
पेट चलाने के शिवा कुछ नहीं दी ।
यही बिहार सरकार ने मन्सा बनाई।
शिक्षित बनाने की इच्छा नहीं रखती,
यही आजतक हमें महसूस हुआ है।
यहाँ शिक्षा की यही आधारशिला है॥४॥
आम अमरूद साग सबको मिलाया।
एक में नाधकर यहाँ सबको नचाया।
गद्दी पाने के एवज़ में किया अत्याचार,
शिक्षा की स्थिति बन गई ढीला है।
यहाँ शिक्षा की यही आधारशिला है॥५॥
प्राथमिक से इन्टर तक के शिक्षक में ।
वेतन के दृष्टी से मामूली अन्तर करके।
जिन्दगी बर्बाद कर सबको फसाकर,
दिल में दिया यहाँ सबको पीड़ा है।
यहाँ शिक्षा की यही आधारशिला है॥५॥
___________________रमेश कुमार सिंह
____________________15-05-2016