हे शारदे मां
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अंधेरे से हमको तू तार दे माँ।
सरगम के सारे स्वर है तुझसे
आरोह अवरोह का भाव है तुझसे ।
हम हैं अज्ञानी, हम हैं अभागे
तेरी शरण हम, हमें ज्ञान दे माँ ।
हे शारदे मां हे शारदे माँ………
भक्तों ने समझी ऋषियों ने जानी
ऋचाओं की भाषा, गीता की वाणी।
हम भी तो जाने, हम भी तो माने
विद्या का हमको, भंडार दे माँ
हे शारदे मां हे शारदे माँ………. ..
तू श्वेतवर्णी हंस पे विराजे
हाथों में पुस्तक, तिलक माथ साजे।
मन में हमारे जगा दे उजाले
हृदय में हमारे तू प्यार दे माँ ।
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ………
— निशा गुप्ता
तिनसुकिया, असम
9435533394