ज़िन्दगी चंद लम्हों की मुलाक़ात है
बहुत वक़्त बाद इन आँखों में बरसात है
जिंदगी क्या है चंद लम्हों की मुलाकात है।
उन लम्हों में पूरी ज़िन्दगी जी लेते है लोग
ज़िन्दगी के सफ़र में कुछ ऐसे भी लम्हात है।
पल पल की कीमत है अगर शान से जी ले
वे हसीं पल,सिर्फ़ पल नहीं पूरी कायनात है।
आफ़ताब कोई अकेला ही तो रोशन नहीं है
तारों के दम पर भी उजियारी रात है।
शहर में मत उछाल मेरे दोस्त, मेरे रहबर
ये बात तो तेरी मेरी बात है।
क्यों सरे बाजार अश्क़ों से नीलाम करता है
बेशकीमती हैं, ये जो तेरे जज़्बात है।
शह और मात का खेल हर दम खेला जाता है
ज़िन्दगी ज़िन्दगी नहीं, शतरंज की बिसात है।