प्यार की दुनिया
आस लगाये बैठे हैं एक दिन जरूर आएगी।
प्यार की इस कड़ी को कैसे तोड़ जाएगी।
मुझे पता था गुलाब लिए मेरा करोगी इन्तजार,
आँखों में आंसू तनहाई में कैसे देख पाएगी॥
कहीं प्रकृति के गोद में बैठकर करेंगे बातें,
तब बाहों में आकर तू खुशी से झूम पाएगी॥
यही उम्मीद कर यहाँ हर रोज़ बैठता हूँ,
इठलाती, इतराती हुई तू एक दिन आएगी॥
दिल से दिल मिलाकर बदलते हुए मौसम में,
साथ साथ प्यार की दुनियाँ में सैर कराएगी॥
@रमेश कुमार सिंह /27-05-2016