लेख

ब्रिक्स में छाया रहा आतंकवाद का मुद्दा

यूँ तो ब्रिक्स उभरती राष्ट्रीय अर्थ व्यवस्थाओं का एक संघ है जिसमे ब्राजील, रूस , भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है किन्तु गत दिनों गोआ में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में जहाँ एक ओर कृषि क्षेत्र में एक दूसरे को मदद, ब्रिक्स बैंक विकास परियोजना ,मौद्रिक नीति , औधोगिकरण में एक दूसरे का सहयोग , एक दूसरे के बाजार को जोड़ने की कोशिश, भ्रष्टाचार और काले धन पर परस्पर सहयोग ,प्राकृतिक गैस इस्तेमाल को बढावा , स्वास्थ्य, पर्यटन तथा पर्यावरण सुरक्षा पर सहमति बनी वहीं दूसरी तरफ आतंकवाद का मुद्दा जोर शोर से छाया रहा , जो भारत की एक कूटनीतिक जीत है ।
पाकिस्तान कई वर्षो से सरहद पर रूक रूक कर युद्ध विराम को धता बता कर गोली बारी करता रहा है तथा लगातार आतंकियों के घुस पैठ की कोशिश भी करता रहा है जिसमे अधिकतर बार भले ही नाकामी मिली हो लेकिन कुछ एक बार की घुसपैठ की सफलता ने भारत में घुस कर बड़े बड़े हमले को अंजाम दिया है जिसका ताजा उदाहरण पठानकोट तथा उरी का हमला है , भारत से कई युद्ध हार चुका पाकिस्तान इस बात से अवगत है कि लाख कोशिशों के बाद भी वह भारत को नहीं हरा सकता अतः पाकिस्तान भारत के खिलाफ लगातार ऐसी साजिश रचता रहा है । भारत की लगातार बातचीत की कोशिश से पाकिस्तान यह समझता रहा है कि भारत युद्ध का राजनीतिक निर्णय लेने में असक्षम है , इस कारण लगातार भारत के खिलाफ आतंकवादियों को प्रश्रय देता रहा है और उसका इस्तेमाल भारत के ही खिलाफ करता रहा है ।
लेकिन उरी आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने अपने नीतियों में परिवर्तन करते हुए पाकिस्तान को सबक सिखाने की जो बात कही और जिसके परिणाम स्वरूप सर्जिकल स्ट्राइक का साहसी निर्णय भारत सरकार ने लिया , अचानक भारत के इस बदले रूख से तथा पाकिस्तान में ही अपनी किरकिरी के बाद पाकिस्तान के सरकार में बहुत बौखलाहट का माहौल है लेकिन इस घटना के बाद सबसे अधिक कवायद पाकिस्तान को अलग थलग करने की कूटनीति तथा विश्व के समस्त देश का ध्यान आतंकवाद और आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले पाकिस्तान की तरफ आकृष्ट करने की रही है जिसमे कुछ हद तक भारत सफल होता दिखाई पड़ता है ।
गत महीने पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मेलन में जब उरी हमले की निंदा करते हुए भारत ने शामिल होने से इंकार किया तो सम्मेलन में शामिल होने वाले बाकी देश भी उस सम्मेलन मे शामिल नहीं हुए , यह भारत की पाकिस्तान को अलग थलग करने की तथा पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने के मुहिम में एक बड़ी कूटनीतिक जीत थी , लेकिन इस मुहिम को तब बहुत बड़ा झटका लगा था जब चीन अपने वीटो पावर के इस्तेमाल से जैश के आतंकवादी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगने से बचा लिया, वास्तव में चीन सदैव भारत का छूपा शत्रु रहा है और भारत में नयी सरकार आने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के बढते प्रभाव से सकते में है लेकिन हमारी मुश्किल यह है कि जैसे पाकिस्तान चाहकर भी भारत से मुकाबला नहीं कर सकता क्योकि पाकिस्तान सैन्य बल और अस्त्र शस्त्र से भारत की तुलना में कमजोर है भारत की हालत भी चीन के समक्ष ऐसी ही है क्योकि एक कटू सत्य यह भी है कि चीन की सैन्य शक्ति और अस्त्र शस्त्र की संख्या भारत से कहीं अधिक है , इसलिए पाकिस्तान के सर पर चीन का हाथ, चीन के एक कूटनीति का हिस्सा है जिसकी काट खोजने की जरूरत है
लेकिन ब्रिक्स सम्मेलन ने भारत में वापस उत्साह का संचार किया है तथा पाकिस्तान को अलग थलग करने की मुहिम तथा सभी देशो का ध्यान आतंकवाद के अजगर पर केंद्रित करवाने में भारत को सफलता मिली है ।
ब्रिक्स में जहाँ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तिगत प्रभाव इस तरह सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के सर चढ़कर बोल रहा था कि सभी देश के राष्ट्राध्यक्ष ठीक वैसे ही बंडी पहने नजर आए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटी कोट के नाम से प्रचलित हो चला है , लेकिन इन व्यक्तिगत बातों से इतर सबसे सुकून पहुचाने वाली बात यह रही की सभी राष्ट्राध्यक्षों ने माना कि पाकिस्तान आतंकवादियों को प्रश्रय दे रहा है तथा आतंकवाद के खात्मे हेतु पाकिस्तान पर दबाव बनाने की जरूरत है ।
नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद जिस भी देश का दौरे किया हर देश में आतंकवाद के खात्मे की बात के साथ साथ इस बात पर भी बहुत बल दिया है कि आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है , इसका बस एक ही घिनौना चेहरा होता है विध्वंसकारी और विनाशकारी, आतंकवाद अच्छा या खराब नहीं होता , अतः किसी भी भावना से ग्रसित होकर आतंकवाद को प्रश्रय देना सर्वदा घातक ही सिद्ध हुआ है और होगा ।
ब्रिक्स सम्मेलन की खासियत यह रही की तकरीबन सभी राष्ट्राध्यक्षों ने भारत की इस विचार को स्वीकार किया तथा साथ मिलकर मोर्चा बनाकर आतंकवाद से लड़ने की बात कही गई है
अगर आठवें ब्रिक्स सम्मेलन के घोषणा पत्र का अवलोकन
करे तो इनमे जो महत्वपूर्ण बात आतंकवाद के खिलाफ कही गई है वो भारत के लिय बहुत उत्साहवर्धक है , सभी राष्ट्राध्यक्षों ने यह सहमति जताई है कि समूह के सभी देश आतंकवादियों पर लगाम कसने हेतु उसके फंड उपलब्ध कराने पर अंकुश लगाने हेतु एक दूसरे का सहयोग करेंगे जिससे आने वाले दिनों मे पाकिस्तान पर दबाव बनाया जा सके , चीन को भी मनाने की कोशिश होगी कि वह आतंकवाद जैसे मुद्दे पर पाकिस्तान के बहकावे में ना आए , आतंकवाद के खिलाफ जो सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही गई कि राजनीतिक, धार्मिक, रंगभेद या किसी भी आधार पर आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता , यह भी सहमति बनी की आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में परस्पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचो से एक दूसरे का सहयोग करेंगे तथा किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधियों की घोर भर्त्सना भी की गई ।
कुल मिलाकर अगर आठवें ब्रिक्स सम्मेलन का विश्लेषण भारत की कूटनीति , पाकिस्तान को अलग थलग करने की कोशिश, चीन पर दबाव बनाने की कोशिश तथा समूह के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्षों का ध्यान आतंकवाद के तरफ आकृष्ट करने की कोशिश के हिसाब से करे तो कह सकते है कि आठवा ब्रिक्स सम्मेलन भारत के लिए उत्साहवर्धक रहा है ।
अमित कु अम्बष्ट ” आमिली “

अमित कुमार अम्बष्ट 'आमिली'

नाम :- अमित कुमार अम्बष्ट “आमिली” योग्यता – बी.एस. सी. (ऑनर्स) , एम . बी. ए. (सेल्स एंड मार्केटिंग) जन्म स्थान – हाजीपुर ( वैशाली ) , बिहार सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं में निरंतर आलेख और कविताएँ प्रकाशित पत्रिका :- समाज कल्याण ( महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की मासिक पत्रिका), अट्टहास, वणिक टाईम्स, प्रणाम पर्यटन, सरस्वती सुमन, सिटीजन एक्सप्रेस, ककसाड पत्रिका , साहित्य कलश , मरूतृण साहित्यिक पत्रिका , मुक्तांकुर साहित्यिक पत्रिका, राष्ट्र किंकर पत्रिका, लोकतंत्र की बुनियाद , समर सलील , संज्ञान साहित्यिक पत्रिका,जय विजय मासिक बेव पत्रिका इत्यादि समाचार पत्र: - प्रभात खबर, आज , दैनिक जागरण, दैनिक सवेरा ( जलंधर), अजित समाचार ( जलंधर ) यशोभूमि ( मुम्बई) ,उत्तम हिंदु ( दिल्ली) , सलाम दुनिया ( कोलकाता ) , सन्मार्ग ( कोलकाता ) , समज्ञा ( कोलकाता ) , जनपथ समाचार ( सिल्लीगुडी), उत्तरांचलदीप ( देहरादून) वर्तमान अंकुर ( नोएडा) , ट्रू टाइम्स दैनिक ( दिल्ली ) ,राष्ट्र किंकर साप्ताहिक ( दिल्ली ) , हमारा पूर्वांचल साप्ताहिक ( दिल्ली) , शिखर विजय साप्ताहिक , ( सीकर , राजस्थान ), अदभुत इंडिया ( दिल्ली ), हमारा मेट्रो ( दिल्ली ), सौरभ दर्शन पाक्षिक ( भीलवाड़ा, राजस्थान) , लोक जंग दैनिक ( भोपाल ) , नव प्रदेश ( भोपाल ) , पब्लिक ईमोशन ( ) अनुगामिनी ( हाजीपुर, बिहार ), लिक्ष्वी की धरती ( हाजीपुर, बिहार ), नियुक्ति साप्ताहिक ( रांची / वैशाली , बिहार) इत्यादि प्रकाशित कृति :- 1 . खुशियों का ठोंगा ( काव्य संग्रह ) उदंतमरुतृण प्रकाशन , कोलकाता साझा काव्य संग्रह ............................... 1. शब्द गंगा (साझा ), के.बी.एस प्रकाशन , दिल्ली 2. 100 कदम (साझा ) , हिन्द युग्म , दिल्ली 3. काव्यांकुर 4 ( साझा ) शब्दांकुर प्रकाशन, दिल्ली 4. भाव क्षितिज ( साझा ) वातायन प्रकाशन, पटना 5.सहोदरी सोपान 3 ( साझा) , भाषा सहोदरी संस्था , दिल्ली 6 रजनीगंधा ( पता :- PACIFIC PARADISE FLAT NO - 3 A 219 BANIPARA BORAL KOLKATA 700154 MOB - 9831199413