ग़ज़ल
तुम्हें चाहा, तुमको प्यार किया
तुम पर सब खुशियाँ वार दिया
ये माना कि थोडी देर हुई पर
लो, हमने अब इकरार किया
तुमसे हर उम्मीद जोड कर
हर ख्वाहिश का इजहार किया
तुम बिन हर शय अधुरा है
ये बात दिल ने स्वीकार किया
मेरा हाथ थाम जिस राह चलो
मैने तुमको सब अधिकार दिया
पर उससे पहले जग से कह दूँ
मैने प्यार किया, तुम्हें प्यार किया
— साधना सिंह