कवितापद्य साहित्य

स्वजन तार-तार हुए हम यहाँ देखते रहे

स्वप्न क्यूँ आज झरे
अपने क्यूँ आज छुटे
हम पड़े टूटे-टूटे लोग क्यूँ छूटे-छूटे
भातृप्रेम छुट गया आज क्यूँ रूठे-रूठे
हो गया विरान सब रह रहें बिखरें-बिखरें
कल तक थे आजाद हम बन्धन में पड़े-पड़े
स्वजन तार-तार हुए हम यहाँ देखते रहे॥

साख अब ना बन रही,
द्वेष अब मचल रही,
अपने लोग बिखर गये सब दूर हो गये
कैसी ये हवा चली कि सब यहाँ उजड़ गये
जब कुछ नहीं था तो लोग थे सटे-सटे
आज कुछ ये हो गया तो रह रहे हटे-हटे
स्वजन तार-तार हुए हम यहाँ देखते रहे॥

ये कैसी रीत बनी-बनी
किस तरह प्रित चली,
चहकना सब रुक गया पंक्षी अपने घर गये
सब यहाँ से दूर हुए हम यहाँ लटक गये
सुनसान हुआ हर जगह जहाँ भरे पड़े हुए
पत्र-पेटिका में जैसे पत्र हैं पड़े हुए
स्वजन तार-तार हुए हम यहाँ देखते रहे॥

विश्वास की ना नींव रही
एहसान की ना सुध रही
दूर-दूर हटने लगे जब अपने पैर खड़े हुए
नहीं पता उन्हें हमें कौन-कौन खड़े किए
आज नहीं पता किसी को कौन थे डटे हुए
नज़र अंदाज़ करतें हुए यहाँ पर हटते गये
स्वजन तार-तार हुए हम यहाँ देखते रहे॥

नसीब है कहीं -कहीं
भाग्य है कहीं -कहीं
सबको जिलाते हुए असहाय की ओर बढ चले
लगी सबकी नजर यहाँ क्यों ऐसा ये करम किए
धीरे धीरे अकड़ गये साथ उनका छोड़ दिए
आज सोच रहे सभी कि भाई अब भाई ना रहे
स्वजन तार-तार हुए हम यहाँ देखते रहे॥

जब पेट था खाली-खाली
चल रहे थे हाली-हाली
लग रहा था ताड़ सब थाम रहे धीरे -धीरे
लेकिन मौन बन गये आज साबित हो गये
गलत राह अपनाकर साईड अपने हो चले
यह कैसा लोभ है भाई भाई को छोड़ चले
स्वजन तार-तार हुए हम यहाँ देखते रहे॥
@@@रमेश कुमार सिंह /01-06-2016

रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'

जीवन वृत्त-: रमेश कुमार सिंह "रुद्र"  ✏पिता- श्री ज्ञानी सिंह, माता - श्रीमती सुघरा देवी।     पत्नि- पूनम देवी, पुत्र-पलक यादव एवं ईशान सिंह ✏वंश- यदुवंशी ✏जन्मतिथि- फरवरी 1985 ✏मुख्य पेशा - माध्यमिक शिक्षक ( हाईस्कूल बिहार सरकार वर्तमान में कार्यरत सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरैया चेनारी सासाराम रोहतास-821108) ✏शिक्षा- एम. ए. अर्थशास्त्र एवं हिन्दी, बी. एड. ✏ साहित्य सेवा- साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना।      सह सम्पादक "साहित्य धरोहर" अवध मगध साहित्य मंच (हिन्दी) राष्ट्रीय सचिव - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन मध्यप्रदेश,      प्रदेश प्रभारी(बिहार) - साहित्य सरोज पत्रिका एवं भारत भर के विभिन्न पत्रिकाओं, साहित्यक संस्थाओं में सदस्यता प्राप्त। प्रधानमंत्री - बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन इकाई सासाराम रोहतास ✏समाज सेवा - अध्यक्ष, शिक्षक न्याय मोर्चा संघ इकाई प्रखंड चेनारी जिला रोहतास सासाराम बिहार ✏गृहपता- ग्राम-कान्हपुर,पोस्ट- कर्मनाशा, थाना -दुर्गावती,जनपद-कैमूर पिन कोड-821105 ✏राज्य- बिहार ✏मोबाइल - 9572289410 /9955999098 ✏ मेल आई- [email protected]                  [email protected] ✏लेखन मुख्य विधा- छन्दमुक्त एवं छन्दमय काव्य,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन। ✏प्रकाशित रचनाएँ- देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एवं  साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित। लगभग 600 रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं तथा 50 साझा संग्रहों एवं तमाम साहित्यिक वेब पर रचनाये प्रकाशित। ✏साहित्य में पहला कदम- वैसे 2002 से ही, पूर्णरूप से दिसम्बर 2014 से। ✏ प्राप्त सम्मान विवरण -: भारत के विभिन्न साहित्यिक / सामाजिक संस्थाओं से  125 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। ✏ रूचि -- पढाने केसाथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।कविता,कहानी,हिन्दी गद्य लेखन इत्यादि। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आदरणीय मित्र मेरे अन्य वेबसाईट एवं लिंक--- www.rameshpoonam.wordpress.com http://yadgarpal.blogspot.in http://akankshaye.blogspot.in http://gadypadysangam.blogspot.in http://shabdanagari.in/Website/nawaunkur/Index https://jayvijay.co/author/rameshkumarsing ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आपका सुझाव ,सलाह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~