बिहार की शिक्षा नीति में बदलाव होना चाहिए!!!
आज मैं कोई ऐसी कविता नहीं सुनाने आया हूँ,
नहीं मैं साहित्य का कोई पाठ पढाने आया हूँ।
बदहाल शिक्षा व्यवस्था का चाल बताने आया हूँ,
मरीज बनी शिक्षा नीति का हाल सुनाने आया हूँ।
यह कैसी शिक्षा नीति बनाई बिहार सरकार ने,
मानवीय संसाधन से खेल रही है आज सरकार ने।
शिक्षा के स्तर को गिराने में भूमिका निभाई है,
राज्य सरकार ने ऐसी शिक्षा नीति यहाँ बनाईं है।
मंत्री दबाकर चलते हैं शिक्षा के अधिकार को,
अपने तरीके से चलाते हैं यहाँ के विधान को।
गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा चाहिए मंचों पर यही कहते हैं,
शिक्षक पढाते नहीं है जनता से यही कहते है।
समानता में आज यहाँ असमानता दिखलाये हैं,
एक ही जगह पर लाकर सबको खड़ा कराये हैं।
बच्चे पढने क्यों नहीं जाते सरकारी विद्यालय में,
शिक्षक मस्ती क्यों करतें हैं सरकारी विद्यालय में।
लिपिक समय से नहीं आते सरकारी कार्यालय में,
खरा क्यों नहीं उतरते पदाधिकारी अपने कार्यों में।
मंत्रालय की भी कमियां साफ साफ झलकती है,
मंत्री से पदाधिकारी तक क्यों ऐसी बात झलकती है।
कोई नहीं चाहता है यहाँ शिक्षा अच्छी बनी रहे,
कोई नहीं चाहता है यहाँ के बच्चे आगे पढे लिखें।
मौन धारण कर उपर से नीचे तक सब बैठे हैं,
बच्चों के भविष्य को लेकर नगण्य कार्य करते हैं।
जैसे है दो हजार सोलह वार्षिक परीक्षा नव की,
जून के अन्त तक यह परीक्षा अब नहीं है होने की।
अधर में लटके हुए हैं बच्चे लेकर अपने भविष्य को,
समझ नहीं पाते हैं लोग ऐसी शिक्षा नीति को।
बिना गलती किए हुए क्यों बच्चे आज सहते हैं,
गलत नीति का शिकार हुए भी आज क्यों सहते है।
जो बच्चों के रखवाले है आज उन्हें ही छलते है,
उनका क्या गुनाह है जो न्याय से वंचित रहते हैं।
दो हजार पंद्रह में मंजिलों पर से नकल दिखाते थे,
अबकी बार टापर्स घोटालों में पकड़े लोग जाते हैं।
पूर्ण रूप से प्रशासन की खामियाँ दिखाई देती है,
कहती है कुछ और लेकिन अलग कुछ कर देती है।
अपनाईं है कैसी नीति गुरु का महिमा शर्मिन्दा है,
अपना राज्य होते हुए भी बन गये सब परिन्दा है।
जहाँ गोपनीयता में भी सेंध मारी जाती है,
जहाँ हेरा-फेरी की बात चलाई जाती है।
ऐसे करनेवाले को घर की जगह जेल होना चाहिए,
इन लोगों का कभी भी नहीं बेल होना चाहिए।
केन्द्र के अनुरूप नीति पर विचार होना चाहिए,
शिक्षा के प्रति किसी को जिम्मेवार होना चाहिए।
पढाई से बहाली तक एवं परीक्षा समिति में भी,
पुरे बिहार की शिक्षा नीति में बदलाव होना चाहिए।
_________________________रमेश कुमार सिंह
_________________रचना काल -21-06-2016