मुहब्बत आज आफत हो गयी है……
हमें तेरी जो आदत हो गयी है
सुकूँ से अब शिकायत हो गयी है
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सितारे टूट के बिखरे जमीं पर
बदन में कुछ हरारत हो गयी है
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सफीना जो उठा है आज दिल में
हवाओं में शरारत हो गयी है
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सितमगर इश्क़ का कलमा सुनाते
मुहब्बत आज आफत हो गयी है
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हमें तेरी नही अब कोई परवाह
सुनो दिल से जमानत हो गयी है
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*गुंजन “गूँज”*