कविता

मिटटी के दीये

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मिटटी के दीये में
हमारे संस्कार हैं उपदेश है
गरीब की रोटी है
शुभागमन का सन्देश है
दिया ह्रदय का प्रतीक है
उसकी बाती संवाहक है
दिए का तेल उसकी शक्ति है
प्रकाश का संचालक है
दिए का प्रकाश स्वर्णिम है
सूर्य देवता का आंशिक रूप है
दिए की ज्योति कीटनाशक है
यह पवित्रता का स्वरुप है
आओ इस दीवाली पर
हम सब यह संकल्प करें
अपने संस्कारो को मानते हुए
केवल मिटटी के दीये जलाकर
हर घर आँगन को रोशन करें

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845