कविता : दीपों की अवली
रौशनी के त्यौहार में हम
दीपों की अवली जलाएँ !
कुछ खुशियाँ और मुस्कान चलो
बुझे चेहरों को हम दे आएँ ! !
चाइनीज झालर का कर बहिष्कार
देशभक्ति के दीप जलाएँ !
मिट्टी के दीप जलकर खुशी
बुझे चेहरों को हम दे आएँ ! !
अंजु गुप्ता
रौशनी के त्यौहार में हम
दीपों की अवली जलाएँ !
कुछ खुशियाँ और मुस्कान चलो
बुझे चेहरों को हम दे आएँ ! !
चाइनीज झालर का कर बहिष्कार
देशभक्ति के दीप जलाएँ !
मिट्टी के दीप जलकर खुशी
बुझे चेहरों को हम दे आएँ ! !
अंजु गुप्ता