कविता

कविता : मिट्टी के दीए

सधे हुए हाथों से कुम्हार
मिट्टी के दीए बनाए !
बिक जाएँ जब दीप सभी
घर चुल्हा उसके जल जाए ! !

बिजली की झालरों में दीया
कांपती लौ कर जलता जाए !
दे संदेश मिट्टी का ये तन
मिट्टी में ही है मिल जाए ! !

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed