जयकारीछ्न्द
समस्त साहित्यकार मित्रों को दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ
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जयकारी लिख छ्न्द पुनीत , दुनियाँ गाती है यह गीत ।
चिंटू पिंटू को फटकार , बुढऊ आज रहे ललकार ।
सावन भादों बीत कुआर [क्वार] , कातिक दिपावली त्योहार ।
राज प्रेम से करें प्रणाम , महिमा मंच जगत सरनाम ।
जयकारी गति छ्न्द विधान, पंद्रह-पंद्रह यति लघु जान ।
राजकिशोर मिश्र ‘राज’